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Showing posts from January, 2023

जय भीम , नमो बुद्धाय में अम्बेडकर का नाम क्यों?

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क्या दलित पृष्टभूमि के कारण अम्बेडकर की आलोचना की जाती है ?  लोगो को उनके नाम से नफरत है क्यों ? जय भीम से नफरत है ? किसी भी महापुरुष को उसकी जाति विशेष से जोड़कर दिखना कितना उचित है ? आज लोगो को एक Ph.D करने के लिए सोचना पड़ रहा है तो फिर चार विषयों में Ph.D वाले से नफरत क्यों ? आज मैं अवधेश कुमार इस ब्लॉग में बाबा साहेब के बारे में लिखकर गागर में सागर भरने का काम कर रहा हूं। उनके बारे में लिखने के लिए पूरा किताब कम पड़ जायेगा। जितना सम्मान उन्हे भारत के बाहर विदेशो में दी जाती है उतना भारत में नही मिलता है। अमेरिका के कोलंबिया यूनीवर्सिटी में उनका मूर्ति लगा हुआ है। पूरे विश्व में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति में उनका नाम आता है।  कुछ वर्ष पहले मैं सोचता था कि दलितों के नायक भीम राव अम्बेडकर से हमे क्या लेना ? दलितों के उत्थान के लिए कार्य किए है इसलिए दलित जय भीम का नारा लगाते है । हमारे मन में किसी किसी प्रकार की कोई जिज्ञासा नहीं उठी । उसके बाद मैं जय भीम ,नमो बुद्धाय भी सुना। अचानक हमारे मन में जिज्ञासा उठा कि भगवान   विष्णु के नवम अवतार भगवान बुद्ध के साथ जय ...

समाज से केवल घृणा मत करो बल्कि उसमे परिवर्तन लाओ।

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आज हम शिक्षित हैं लेकिन हमारे समाज में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। समाज का परिदृश्य बदलने के लिए शिक्षित युवाओं को आगे आकर जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। हम सभी जानते है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। पहले समाज परिवार से सर्वोपरि था लेकिन आज व्यक्ति स्वंय के बारे में पहले सोचता है फिर परिवार के बारे में, उसके बाद समाज के बारे में सोचता है। जबकि पारम्परिक सोच इसके विपरित था। समाज के बदलने से पहले खुद को बदलना ज़रूरी है, दुनिया को ठीक करने से पहले खुद को ठीक करना ज़रूरी है। हम समाज का अर्थ समझते हैं नारी और पुरुषों का समूह। किंतु समाज का वास्तविक अर्थ यह नहीं है। इसका सही अर्थ है- एक साथ मिलकर चलना। सामाजिक प्रगति का अर्थ होता है एक साथ चलते हुए आपसी एकता को मजबूत बनाना। आधुनिक समाज का स्वरूप कैसा  होना चाहिए? 1. महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। 2. केवल जाति पर आधारित न होकर वर्ग पे हो । 3. समाज का मुख्य उद्देश्य समानता पर आधारित होना चाहिए। सभी वर्गों व लिंगों के बीच समन्वय हो । 4. सदस्यों के मध्य सहयोग की सद्भावना हो । 5. रुढ़िवादी विचारधारा के खिलाफ तार्किक...