Posts

Showing posts with the label Blog

जगदेव बाबु :- एक महान क्रांतिकारी नेता l

Image
जगदेव बाबु एक क्रांतिकारी नेता। जिन्होंने शोषित समाज के उत्थान के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया। जिन्हें आज की पीढ़ी एकदम से भूल चुके हैं बहुत से लोग जो इनका नाम भी नहीं जानते हैं। आज के इस ब्लॉग में हम जगदेव बाबू- एक क्रांतिकारी नेता के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।  राजनीति की चर्चा हो और बिहार का नाम ना आए तो राजनीति की चर्चा आधी अधूरी सी लगती है। बिहार ज़न आंदोलन का गढ़ रहा है और यहां एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी नेताओं का जन्म हुआ है l इस बात को अटल बिहारी वाजपेयी भी स्वीकार चुकें है l वे कहते थे कि भले ही उनका जन्म बिहार मे नहीं हुआ हो लेकिन खुद बिहारी मानते थे। और वह कहते थे कि मेरा तो नाम मे भी बिहारी आता है।  स्वतंत्रता सेनानी वीर कुँवर सिंह, तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोकनायक जय प्रकाश नारायण, गरीबो के मसीहा के नाम से मशहूर श्री लालू प्रसाद यादव। वर्तमान मे श्री नीतीश कुमार है लेकिन श्री नीतीश कुमार ने को हम क्रांतिकारी की श्रेणी मे हम नहीं रख सकते हैं।  श्री लालू प्रसाद यादव को  90 के दशक गरीबों का मसीहा कहा गय...

यारवाद, पैसावाद व परिवारवाद - लोकतंत्र की चुनौतियाँ l

Image
अवधेश कुमार भारतीय लोकतंत्र की अनेकों चुनौतियां हैं जिसमें क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद भाषावाद, जातिवाद प्रमुख समस्या रही है, लेकिन इसके  अलावा और भी चुनौतियां हैं l जो लोकतंत्र की जड़ों को खोखला कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि यह वृक्ष रुपी लोकतंत्र एक दिन इन चुनौतियों की आँधी में उखड़ जाएगी । आज मैं इस ब्लॉग में  यारवाद, पैसावाद और परिवारवाद पर  चर्चा करूंगा l  यारवाद का संबंध लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियों के करीबियों से है जैसे प्रधानमंत्री मोदी जी को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अमित  शाह पहली पसंद थेl  दोनों का पारिवारिक पृष्ठभूमि गुजरात से है और एक दूसरे के करीबी माने जाते हैंl आजकल चुनाव में टिकट कर्मठ संयोग परिश्रमी कार्यकर्ता को ना मिलकर उसको मिलती है जो करीबी होते हैं। इसे हमलोग यारवाद के नाम से जानते हैं। ऐसा उदाहरण आपको प्रत्येक राजनीतिक दलों में  देखने को मिलेगा l   मैं इसे स्पष्ट करने के लिए लोकल उदाहरण देता हूं। गया के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र जहां 2010 में जदयू प्रत्याशी के रूप में ज्योति मांझी को चुनाव मैदान में...

मनुस्मृति ग्रंथ का विरोध होता है क्यों?

Image
मनुस्मृति क्या है? मनुस्मृति इतनी विवादित किताब क्यों है ? B R   (बी आर अम्बेदकर)  के द्वारा इसे क्यों जलाया गया था। चन्द्रशेखर रावन (भीम आर्मी के अध्यक्ष), मायावती, कन्हैया कुमार एवं अन्य दलित नेताओं भी के द्वारा भी बार बार इस किताब का विरोध क्यों किया जाता है? कुछ समय पहले, सोशल मीडिया पर मनुवाद की जमकर विरोध किया जा रहा था। लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें मनु , मनुवाद एवं मनुस्मृति के बारे में जानकारी भी नहीं है। मैं अपने इस ब्लॉग के माध्यम से मनुवाद के बारे में बताने का प्रयास किया हूं। इतिहासकारों की मानें तो स्मृति का मतलब धर्मशास्त्र (theology )होता है। महाराज मनु के द्वारा लिखा गया धार्मिक लेख को मनुस्मृति कहा जाता है। सनातन धर्म के अनुसार मनु संसार के प्रथम पुरुष थे। मनु का जन्म को कोई ठोस व वास्तविक प्रमाण नहीं है l सभी अंधेरे मे ही तीर चला रहे हैं l जितनी मुँह उतनी बाते होती हैl लेकिन धर्मशास्त्र के महान विद्वान पी.वी काणे से लेकर भीमराव आंबेडकर तक ने इसे स्वीकार किया है कि मनु-स्मृति के रचनाकार सुमति भार्गव हैं, लेकिन अफसोस कि सारी राजनीति महाराज मनु ...

प्रत्यंचा टूट गई है तो क्या?

Image
अवधेश कुमार ज्ञान, यश, शक्ति व  सामर्थ बढ़ाऊगा l ----------------------- प्रत्यंचा टूट गई है तो क्या, मै हार मान लूं, मैं तो धनुर्धर हूँ नया धनुष लेकर आऊंगा।  तरकश के तीर असफल हुए तो भी ग़म नहीं ,  मैं रिपु वध हेतु रणभूमि मे ब्रह्मास्त्र चलाऊंगा । सीख कर हुनर जोश, जुनून और उड़ान का, मैं अपना ज्ञान, यश, शक्ति व  सामर्थ बढ़ाऊगा। वक़्त के आगे घुटने टेक दिया हूँ तो क्या हुआ,   मैं तो हूं सहिष्णु शाश्वत फिर से उभर जाऊंगा।   तोड़ के इन मुश्किल व जटिल बेड़ियों को,   मैं नवयुवकों का नया मजलिस बनाऊंगा।  सीख कर हुनर जोश, जुनून और उड़ान का, मैं अपना ज्ञान, यश, शक्ति व  सामर्थ बढ़ाऊगा। बनकर नव दिनकर व अटल सा इस  पटल पर, जनचेतना, ज़न क्रांति व ज़न उत्थान सिखाऊंगा।  इस जहाँ में छूट जाए दामन भले ही इंसान का, पर दामन उम्मीदों का हाथ से, मैं ना कभी छोड़ाऊगां । सीख कर हुनर जोश, जुनून और उड़ान का, मैं अपना ज्ञान, यश, शक्ति व  सामर्थ बढ़ाऊगा। परिंदों को पर मिला है आसमान उड़ने के लिए, मैं परिंदों को पिंजरे के कैद से आजाद कराऊंगा।...