अखण्ड भारत का निर्माता - मौर्य सम्राट चक्रवर्ती अशोक महान

मौर्य सम्राट अशोक के आर्दश, धर्म, लोकहित, लोकसेवा तथा धम्म की सम्पूर्ण विशेषताओं के साथ-साथ उसकी विजय, उसका शासन और कला प्रेम आदि सभी कुछ महान था । चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान मौर्य ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। उन्होंने भारत में धर्म-निरपेक्षता एवं सामंजस्य की भावना को बढ़ावा दिया। उनके द्वारा निकाले गए शिलालेखों में उन्होंने अपने लोगों को शान्ति, अहिंसा, सम्मान एवं तुलनात्मक विश्वसन के महत्व के बारे में संदेश दिया था। सम्राट अशोक (ईसा पूर्व 304 - ईसा पूर्व 232) को चन्द्रगुप्त और चाणक्य द्वारा निर्मित मजबूत राज्यव्यवस्था विरासत में मिली । जिसे सम्राट अशोक ने अपने शौर्य और नेतृत्व से शासन किया और देश का एकीकरण किया । कलिंग युद्ध के पश्चात अशोक ने अंहिसा एंव जियो और जियो दो के सिध्दांत को अनुसरण करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया । बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार विदेशो में कराया। अर्थात सम्राट अशोक शस्त्र और शास्त्र के सिद्धांत दोनो से जीता । भूभाग भी जीता लोगो का दिल भी जीता । अशोक की लोकतांत्रिक शासन पध्दति की छाप हमारे वर्तमान लोकतंत्र पर है । अशोक ने व्यापारिक मैत्रेय सम्बन्ध भी मधुर बनाये थे ...