मधुशाला :- A Song of unity & humanity.

डॉ हरिवंश राय बच्चन की कई प्रसिद्ध रचनाएं हैं, लेकिन उनकी प्रमुख रचना 'मधुशाला' है। 'मधुशाला' एक मशहूर कविता है जो उनके सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध काव्य-संग्रह "मधुशाला" में शामिल है। वह अँग्रेजी साहित्य के छात्र और प्रोफेसर रहे हैं l वे अपनी कविता मे Allogery का प्रयोग किये है हिन्दी मे जिसे हम द्विअर्थी कहते हैं। पहला तो साधारण अर्थ निकलता है और दूसरा उसका विशेष अथवा दार्शनिक अर्थ निकलता है। ये एक प्रगतिवादी कविता है प्रगतिवाद साहित्य में मार्क्सवाद का ही रूप माना जाता हैl दुतकारा मस्जिद ने मुझको कहकर है पीनेवाला, ठुकराया ठाकुरद्वारे ने देख हथेली पर प्याला, कहाँ ठिकाना मिलता जग में भला अभागे काफिर को? शरणस्थल बनकर न यदि अपना लेती मधुशाला। उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से वो धर्म का खंडन करके इंसानियत का संदेश दे रहे है l मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवला, 'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस में है वह भोलाभाला, अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ - 'राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'। उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से वो बताना है कि हमार...