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Showing posts from 2023

मधुशाला :- A Song of unity & humanity.

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डॉ हरिवंश राय बच्चन की कई प्रसिद्ध रचनाएं हैं, लेकिन उनकी प्रमुख रचना 'मधुशाला' है। 'मधुशाला' एक मशहूर कविता है जो उनके सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध काव्य-संग्रह "मधुशाला" में शामिल है। वह अँग्रेजी साहित्य के छात्र और प्रोफेसर रहे हैं l वे अपनी कविता मे Allogery का प्रयोग किये है हिन्दी मे जिसे हम द्विअर्थी कहते हैं। पहला तो साधारण अर्थ निकलता है और दूसरा उसका विशेष अथवा दार्शनिक अर्थ निकलता है। ये एक प्रगतिवादी कविता है प्रगतिवाद साहित्य में मार्क्सवाद का ही रूप माना जाता हैl दुतकारा मस्जिद ने मुझको कहकर है पीनेवाला, ठुकराया ठाकुरद्वारे ने देख हथेली पर प्याला, कहाँ ठिकाना मिलता जग में भला अभागे काफिर को? शरणस्थल बनकर न  यदि अपना लेती मधुशाला।  उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से वो धर्म का खंडन करके इंसानियत का संदेश दे रहे है l मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवला, 'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस में है वह भोलाभाला, अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ - 'राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'। उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से वो बताना है कि हमार...

अखण्ड भारत का निर्माता - मौर्य सम्राट चक्रवर्ती अशोक महान

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मौर्य सम्राट अशोक के आर्दश, धर्म, लोकहित, लोकसेवा तथा धम्म की सम्पूर्ण विशेषताओं के साथ-साथ उसकी विजय, उसका शासन और कला प्रेम आदि सभी कुछ महान था । चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान मौर्य ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। उन्होंने भारत में धर्म-निरपेक्षता एवं सामंजस्य की भावना को बढ़ावा दिया। उनके द्वारा निकाले गए शिलालेखों में उन्होंने अपने लोगों को शान्ति, अहिंसा, सम्मान एवं तुलनात्मक विश्वसन के महत्व के बारे में संदेश दिया था। सम्राट अशोक (ईसा पूर्व 304 - ईसा पूर्व 232) को चन्द्रगुप्त और चाणक्य द्वारा निर्मित मजबूत राज्यव्यवस्था विरासत में मिली । जिसे सम्राट अशोक ने अपने शौर्य और नेतृत्व से शासन किया और देश का एकीकरण किया । कलिंग युद्ध के पश्चात अशोक ने अंहिसा एंव जियो और जियो दो के सिध्दांत को अनुसरण करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया । बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार विदेशो में कराया। अर्थात सम्राट अशोक शस्त्र और शास्त्र के सिद्धांत दोनो से जीता । भूभाग भी जीता लोगो का दिल भी जीता । अशोक की लोकतांत्रिक शासन पध्दति की छाप हमारे वर्तमान लोकतंत्र पर है । अशोक ने व्यापारिक मैत्रेय सम्बन्ध भी मधुर बनाये थे ...

इश्क ~ Impression से Depression तक का सफर।

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(मैं अवधेश कुमार ,इस ब्लॉग के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी की से समस्या है उस से अवगत कराने जा रहा हूं। इसी पे Christopher Marlowe या Shakesprearean drama के शैली में एक कहानी भी लिखने जा रहा हूं ,Plot और Charecter का चुनाव हो गया हैं। डायलॉग और ग़ज़ल का चुनाव कर रहा हूं। ) पढ़ाई और प्रेम करने की अवस्था एक ही है और दोनो ही जरूरी है। प्यार खुद हो जाता है और करना भी आसान है जबकि पढ़ाई जबर्दस्ती करना पड़ता है । एक में मजा है तो दूसरा सजा । हम attraction को ही प्यार समझ बैठते है । Technology की इस दुनियां में प्यार WiFi के जैसा हो गया है। पास रहने पर connected होता हैं और दूर जाने पर searching for new device वाला हालत हो गया है ।  इंप्रेशन से डिप्रेशन तक की सफर का नाम ही इश्क है।  आसान नहीं मुक्कमल होना इसमें बहुत बड़ा रिश्क है । खुशी का तो पता नहीं लेकिन गमों का मिलना फिक्स है । खरा सोना है जैसा नहीं 18 कैरेट आभूषण जैसा मिक्स है । इश्क का परवान चढ़ता है तो बेगाने अपने नजर आने लगते है और अपने बेगाने हो जाते है। खून का रिश्ता पे जुनून का रिश्ता हावी हो जाता है। यह इतना ताकत ला देता ...