इश्क ~ Impression से Depression तक का सफर।

(मैं अवधेश कुमार ,इस ब्लॉग के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी की से समस्या है उस से अवगत कराने जा रहा हूं। इसी पे Christopher Marlowe या Shakesprearean drama के शैली में एक कहानी भी लिखने जा रहा हूं ,Plot और Charecter का चुनाव हो गया हैं। डायलॉग और ग़ज़ल का चुनाव कर रहा हूं। ) पढ़ाई और प्रेम करने की अवस्था एक ही है और दोनो ही जरूरी है। प्यार खुद हो जाता है और करना भी आसान है जबकि पढ़ाई जबर्दस्ती करना पड़ता है । एक में मजा है तो दूसरा सजा । हम attraction को ही प्यार समझ बैठते है । Technology की इस दुनियां में प्यार WiFi के जैसा हो गया है। पास रहने पर connected होता हैं और दूर जाने पर searching for new device वाला हालत हो गया है । इंप्रेशन से डिप्रेशन तक की सफर का नाम ही इश्क है। आसान नहीं मुक्कमल होना इसमें बहुत बड़ा रिश्क है । खुशी का तो पता नहीं लेकिन गमों का मिलना फिक्स है । खरा सोना है जैसा नहीं 18 कैरेट आभूषण जैसा मिक्स है । इश्क का परवान चढ़ता है तो बेगाने अपने नजर आने लगते है और अपने बेगाने हो जाते है। खून का रिश्ता पे जुनून का रिश्ता हावी हो जाता है। यह इतना ताकत ला देता ...