जात-पात तोड़ दो, तिलक-दहेज छोड़ दो। समाज के प्रवाह को नयी दिशा में मोड़ दो। इस नारा को दिए हुए 50 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक न तो जात पात टूटी और न ही दहेज प्रथा समाप्त हुई है। दहेज बंद करने के लिए कानून तो लागू किया गया है लेकिन वास्तविक स्थिति में दहेज चालू है। ऐसा लगता है कि हमारे भारतीय समाज में किसी प्रकार की कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस नारा को पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि यह आज की परिस्थिति के बारे में लिखा गया है। तभी तो कहते हैं इतिहास अपने आप को दोहराता है(History repeats itself.) आज इस ब्लॉग के माध्यम से हमलोग जय प्रकाश नारायण जी के सम्पूर्ण क्रांति के बारे में जानेंगे साथ ही बिहार की वर्तमान राजनीति परिदृश्य के बारे में समझेंगे। सम्पूर्ण क्रान्ति के आह्वान उन्होंने श्रीमती इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए किया था। लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है— राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। "भ्रष्टाचार मिटाना, ...